दुःख को भूलता जा।
खुशी को ढूढता जा।
चलता जा बस चलता जा।
जीना इसी का नाम है।
रिश्ते टूट जायंगे।
अपने रूठ जायंगे।
तू फिर भी उनको अपना बना।
जीना इसी का नाम है।
बोझ है तो सहता चल।
खौफ है तो डरता चल।
जिंदगी के रंग में ढलता चल।
जीना इसी का नाम है।
काली रात ढल जायेगी।
ताज़ी सुबह भी आएगी।
इसी आशा में डूबी हर शाम है।
जीना इसी का नाम है।
भावार्थ...
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