Saturday, October 23, 2010

तुम से जुदा हुआ !!!

इश्क में जबसे मैं तुझ से जुदा हुआ ...
लोग कहते हैं तबसे मैं गुमशुदा हुआ ...

संग दुनिया ने जो मेरी मोहब्बत पे फैंके...
हर एक संग वो आज सूरत-ए-खुदा हुआ...

इश्क में जबसे मैं तुझ से जुदा हुआ ...

पाक रिश्तो को नहीं मिलते पाक अंजाम...
आज दुनिया में अँधा वो नूर-ए-खुदा हुआ...

इश्क में जबसे मैं तुझ से जुदा हुआ ...

तेरे दर की हर राह में मोहब्बत देखी मैंने...
बोसा बोसा कूचे का तेरे खौफ शुदा हुआ...

इश्क में जबसे मैं तुझ से जुदा हुआ ...
लोग कहते हैं तबसे मैं गुमशुदा हुआ ...


...भावार्थ

7 comments:

समयचक्र said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति...

POOJA... said...

पाक रिश्तो को नहीं मिलते पाक अंजाम...
आज दुनिया में अँधा वो नूर-ए-खुदा हुआ...
awesome lines... bahut khoob...

vandana gupta said...

कब ? और कहाँ?

दिल तो आज भी

तुम्हारी चौखट पर

बेसुध पड़ा है



आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (25/10/2010) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com

संजय भास्‍कर said...

"ला-जवाब" जबर्दस्त!!

डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति said...

khoob surat rachnaa..

डॉ. मोनिका शर्मा said...

पाक रिश्तो को नहीं मिलते पाक अंजाम...
आज दुनिया में अँधा वो नूर-ए-खुदा हुआ...
bahut gahare arth liye hain ye panktiyan.... bahut khoob

रंजना said...

संग दुनिया ने जो मेरी मोहब्बत पे फैंके...
हर एक संग वो आज सूरत-ए-खुदा हुआ...

वाह वाह वाह...

सभी शेर लाजवाब...बहुत सुन्दर ग़ज़ल !!!