Friday, January 22, 2010

दर्द !!!

दर्द अब आंसू बन नहीं बहता ...
दिल में कौने में जम रहा है....
कतरा कतरा दर्द का लिए...
हर पल जो साँसे धधकती है...
हो न हो एक दिन थम जाएँगी...
और लहू की तरह फट पड़ेगा...
दर्द दिल के कौने कौने से...
और रह जायेंगे आंसू आखों में...

...भावार्थ

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