अम्बर की ये ऊँचाई धरती के ये गहराई
तेर मन में है समायी माई ओ माई
तेरा मन अमृत का प्याला यही काबा यही शिवाला
तेरी ममता पावन दायी ओ माई ओ माई
जी चाहे क्यों तेरे साथ रहूँ मैं बनके तेरा हमजोली
तेरे हाथ ना आऊं छुप जाऊं यूँ खेलूं आँख मिचोली
परियों के कहानी सुनके कोई लोरी मुझे सुनाके
करदे सपने सुखदायी माई ओ माई
संसार के ताने बाने से घबराता है मन मेरा
इन झूठे रिश्तों नातों में बस प्यार है सच्चा तेरा
सब दुःख सुख में ढल जाएँ जो बाहें तेरी मिल जाएँ
मिल जाए मुझे खुदाई माई ओ माई
जाड़े की ठंडी रातों में जब देर से मैं घर आऊं
हलकी सी दस्तक पर अपनी तुझे जगता हुआ मैं पाऊँ
सर्दी सी ठिठुरती जाए, ठंडा बिस्तर अपनाये
मुझे देकर गर्म रजाई ... ओ माई माई
फिर कोई शरारत हो मुझसे नाराज़ करू फिर तुझको
फिर गाल पे थप्पी मार के तू सीने से लगा ले मुझको
बचपन की प्यास बुझा दे अपने हाथो से खिला दे
पल्लू में बंधी मिठाई माई ओ माई
तेरा मन अमृत का प्याला यही काबा यही शिवाला
तेरी ममता पावनदायी ओ माई ओ माई
ताहिर फ़राज़
https://www.youtube.com/watch?v=5zY3YGc26ME
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