Monday, July 20, 2020

आ, चल के तुझे मैं ले के चलूँ

आ, चल के तुझे मैं ले के चलूँ
एक ऐसे गगन के तले
जहाँ ग़म भी न हो, आँसू भी न हो
बस प्यार ही प्यार पले
आ, चल के तुझे मैं ले के चलूँ
एक ऐसे गगन के तले
जहाँ ग़म भी न हो, आँसू भी न हो
बस प्यार ही प्यार पले
एक ऐसे गगन के तले...
सूरज की पहली किरण से आशा का सँवेरा जागे
सूरज की पहली किरण से आशा का सँवेरा जागे
चंदा की किरण से धुल कर घनघोर अँधेरा भागे
चंदा की किरण से धुल कर घनघोर अँधेरा भागे
कभी धूप खिले, कभी छाँव मिले
लंबी सी डगर न खले
जहाँ ग़म भी न हो, आँसू भी न हो
बस प्यार ही प्यार पले
एक ऐसे गगन के तले...
जहाँ दूर नज़र दौड़ाएँ, आज़ाद गगन लहराएँ
जहाँ दूर नज़र दौड़ाएँ, आज़ाद गगन लहराएँ
जहाँ रंग-बिरंगे पंछी आशा का संदेसा लाएँ
जहाँ रंग-बिरंगे पंछी आशा का संदेसा लाएँ
सपनों में पली, हँसती हो कली
जहाँ शाम सुहानी ढले
जहाँ ग़म भी न हो, आँसू भी न हो
बस प्यार ही प्यार पले
एक ऐसे गगन के तले...
सपनों के ऐसे जहाँ में जहाँ प्यार ही प्यार खिला हो
हम जा के वहाँ खो जाएँ, शिकवा न कोई गिला हो
कहीं बैर न हो, कोई गैर न हो
सब मिलके यूँ चलते चलें
जहाँ ग़म भी न हो, आँसू भी न हो
बस प्यार ही प्यार पले
आ, चल के तुझे मैं ले के चलूँ
एक ऐसे गगन के तले
जहाँ ग़म भी न हो, आँसू भी न हो
बस प्यार ही प्यार पले
एक ऐसे गगन के तले...
एक ऐसे गगन के तले...

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