मोहब्बत हवाओं में इतनी पहले तो न थी
मदहोशी फ़िज़ाओं में इतनी पहले तो न थी
तुम्हारे बिन कितनी अधूरी थी मैं अब पता चला
अहमियत किसी शख्श की इतनी पहले तो न थी
भावार्थ
मदहोशी फ़िज़ाओं में इतनी पहले तो न थी
तुम्हारे बिन कितनी अधूरी थी मैं अब पता चला
अहमियत किसी शख्श की इतनी पहले तो न थी
भावार्थ
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