खुद के आने बाने में मैं फंस गया
जाने अनजाने में ही मैं फंस गया
खुद के आने बाने में मैं फंस गया
लहू का जूनून तो नसों में पुरजोर था
जेहेन के बहकावे में मैं फंस गया
खुद के आने बाने में मैं फंस गया
ठहर जाता था में उसके आगाह पे
खुद की सुनी एकबार तो मैं फंस गया
खुद के आने बाने में मैं फंस गया
मुझे मालूम है दुनिया तो बस एकखाब है
जो माना इसे सच मैंने तो मैं फंस गया
खुद के आने बाने में मैं फंस गया
हाथ उसका हाथ में ले चलता रहा
छोड़ा जो वो साथ तो मैं फंस गया
खुद के आने बाने में मैं फंस गया
जाने अनजाने में ही मैं फंस गया
भावार्थ
जाने अनजाने में ही मैं फंस गया
खुद के आने बाने में मैं फंस गया
लहू का जूनून तो नसों में पुरजोर था
जेहेन के बहकावे में मैं फंस गया
खुद के आने बाने में मैं फंस गया
ठहर जाता था में उसके आगाह पे
खुद की सुनी एकबार तो मैं फंस गया
खुद के आने बाने में मैं फंस गया
मुझे मालूम है दुनिया तो बस एकखाब है
जो माना इसे सच मैंने तो मैं फंस गया
खुद के आने बाने में मैं फंस गया
हाथ उसका हाथ में ले चलता रहा
छोड़ा जो वो साथ तो मैं फंस गया
खुद के आने बाने में मैं फंस गया
जाने अनजाने में ही मैं फंस गया
भावार्थ
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