आखिर ये दौलत क्या है
खनकते सिक्के या फिर कागज़
कनक या जिस्म की खुमारी
ए दौलत कमाने वाले
बेपरवाह नींद का भाव क्या है
दोस्तों के संग वो मस्ती
की बोली है कितने की बता दे तू
ए दौलत कमाने वाले
सूत भर माँ का आँचल
या फिर कुछ इंच पिता का कन्धा
कहाँ मिलता है बता दे तू
ए दौलत कमाने वाले
समनदर लाये कोई या फिर
खुला आसमान बिछाये कोई
कशिश मोहब्बत की कहाँ मिलती है
ए दौलत कमाने वाले
कहाँ मिलता है सच का हौंसला
कितने में मिलेगा जूनून
किस तरह मिलता है सुकून
ए दौलत कमाने वाले
मोल क्या है अपनेपन का
तू अगर है दौलत वाला
जरा मुट्ठी भर बचपन तो ला
ए दौलत कमाने वाले
दौलत इर्द गिर्द है तेरे हवा की तरह
बस समझ ले असल "दौलत" क्या है
ए दौलत कमाने वाले
भावार्थ
खनकते सिक्के या फिर कागज़
कनक या जिस्म की खुमारी
ए दौलत कमाने वाले
बेपरवाह नींद का भाव क्या है
दोस्तों के संग वो मस्ती
की बोली है कितने की बता दे तू
ए दौलत कमाने वाले
सूत भर माँ का आँचल
या फिर कुछ इंच पिता का कन्धा
कहाँ मिलता है बता दे तू
ए दौलत कमाने वाले
समनदर लाये कोई या फिर
खुला आसमान बिछाये कोई
कशिश मोहब्बत की कहाँ मिलती है
ए दौलत कमाने वाले
कहाँ मिलता है सच का हौंसला
कितने में मिलेगा जूनून
किस तरह मिलता है सुकून
ए दौलत कमाने वाले
मोल क्या है अपनेपन का
तू अगर है दौलत वाला
जरा मुट्ठी भर बचपन तो ला
ए दौलत कमाने वाले
दौलत इर्द गिर्द है तेरे हवा की तरह
बस समझ ले असल "दौलत" क्या है
ए दौलत कमाने वाले
भावार्थ
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