Thursday, August 25, 2016

सफर-ए - जिंदगानी

तू दिल के रास्ते तो चल
बड़ी मंजिले हैं पानी
डूबकर निकलना ही तो
है सफर-ए - जिंदगानी

भावार्थ
२५/०८/२०१६








Wednesday, August 17, 2016

तेरे लिए .... जिंदगी

तेरे लिए तेरे लिए 
तेरे लिए .... जिंदगी

साँसों में तू हर शय में तू 
तुझसे है मेरा वजूद 
हर शाम में हर एक नाम में 
बस एक तू है मौजूद  

तेरे लिए तेरे लिए
तेरे लिए .... जिंदगी 

तेरी तड़प है रात दिन 
तेरा ही है आसरा 
तेरे बिना न दूजा कोईं 
करदे नज़र तू ज़रा  

तेरे लिए तेरे लिए
तेरे लिए .... जिंदगी 

न कोई चाह है न कोई खाब है 
बस तेरी ही है आरजू 
मुझको तू कर खुद में फनाह 
मैं हो जाऊं बस तू ही तू 

तेरे लिए तेरे लिए
तेरे लिए .... जिंदगी

भावार्थ 
१६/०८/२०१६ 




Monday, August 8, 2016

बदहवासी

बदहवासी में भी होश रखा मैंने...
ये क्या कुछ कम है तुझे देखने के बाद...

भावार्थ