Friday, June 24, 2016

थम थम जा वफ़ा की डगर

थम थम जा वफ़ा की डगर 
जो मंजिल इश्क़ में  पानी है 
रूह तेरी ये मेरी हो जाए 
मोहब्बत की  ये निशानी है 

थम थम जा वफ़ा की डगर 
जो मंजिल मोहब्बत की पानी है 

दो पल का ये अफसाना 
कुछ लम्हों की ये कहानी है 
जुड़ने बिछुड़ने का आलम 
इतनी ही तो जिंदगानी है 

थम थम जा वफ़ा की डगर 
जो मंजिल मोहब्बत की पानी है 

भावार्थ 
२६/०६/२०१६ 


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