थम थम जा वफ़ा की डगर
जो मंजिल इश्क़ में पानी है
रूह तेरी ये मेरी हो जाए
मोहब्बत की ये निशानी है
थम थम जा वफ़ा की डगर
जो मंजिल मोहब्बत की पानी है
दो पल का ये अफसाना
कुछ लम्हों की ये कहानी है
जुड़ने बिछुड़ने का आलम
इतनी ही तो जिंदगानी है
थम थम जा वफ़ा की डगर
जो मंजिल मोहब्बत की पानी है
भावार्थ
२६/०६/२०१६
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