Wednesday, May 28, 2014

क्या हूँ मैं ....माँ के अक्स के सिवा …

क्या हूँ मैं
उसी के सजदों का सबब
उसी  की दुआओं का असर
उसी  का एक सपना साकार हूँ मैं

उसी की आँखों का तारा
उसी के कलेजे का टुकड़ा
उसी की सीख का सरोकार हूँ में.…

उसी के मन का कोना
उसी के तन का हिस्सा
उसी की जिंदगी उसका संसार हूँ में

उसी की मुस्कराहट
उसी से मिलता जुलता सा
उसी की  परछाई का आकार हूँ मैं

क्या हूँ मैं
माँ के अक्स के सिवा …

भावार्थ

















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