उठते गिरते गिरते उठते तू जब सीखेगी चलना...
वो दिन भी आएगा जब तू छोड़ के जायेगी अंगना...
तेरे खिलोने तेरी गुडिया तेरे रंग और तेरे साज...
तू जो गयी तो बाद तेरे आते मुझे याद वो आज...
खुद से जुदा हूँ पौना तेरे बिन जो तू नहीं संगना...
वो दिन भी आएगा जब तू छोड़ के जायेगी अंगना...
हाथ हथेली साथ सहेली बन के रही तेरी माँ ...
तुझेसे जीती तुझपे मरती तुझ में बसी है उसकी जाँ ...
आंसू से फीकी हुई उसकी दुनिया कोई रहा रंगना...
वो दिन भी आएगा जब तू छोड़ के जायेगी अंगना...
हाथी घोडा भालू बन्दर तेरे लिए बने बने पापा तेरे ...
बस हस जाए एक पल को हो जाए फिर अरमा मेरे...
खुशियों के गुच्छे लगे हो तू जाए जिस भी अंगना...
वो दिन भी आएगा जब तू छोड़ के जायेगी अंगना...
भावार्थ ...
वो दिन भी आएगा जब तू छोड़ के जायेगी अंगना...
तेरे खिलोने तेरी गुडिया तेरे रंग और तेरे साज...
तू जो गयी तो बाद तेरे आते मुझे याद वो आज...
खुद से जुदा हूँ पौना तेरे बिन जो तू नहीं संगना...
वो दिन भी आएगा जब तू छोड़ के जायेगी अंगना...
हाथ हथेली साथ सहेली बन के रही तेरी माँ ...
तुझेसे जीती तुझपे मरती तुझ में बसी है उसकी जाँ ...
आंसू से फीकी हुई उसकी दुनिया कोई रहा रंगना...
वो दिन भी आएगा जब तू छोड़ के जायेगी अंगना...
हाथी घोडा भालू बन्दर तेरे लिए बने बने पापा तेरे ...
बस हस जाए एक पल को हो जाए फिर अरमा मेरे...
खुशियों के गुच्छे लगे हो तू जाए जिस भी अंगना...
वो दिन भी आएगा जब तू छोड़ के जायेगी अंगना...
भावार्थ ...
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