Friday, July 20, 2012

है कोई तो जरूर बात...

है कोई तो जरूर बात...
है कोई तो जरूर बात...

वहशी हुई हर नज़र है क्यूं...
सनसनी सी हर खबर है क्यूं...
चीखता सा ये दिन है क्यों...
क्यूं जागती से रहती  है रात....

है कोई तो जरूर बात...

हैवानियत के ये नृत्य क्यूं...
लालाच के  हैं ये कृत्य क्यूं...
हुक्मरान की ये दरिंदगी ...
क्यों सत्य के कोई नहीं है साथ...

है कोई तो जरूर बात...

भावार्थ...

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