एक साल एक लम्हा सा था...
हमने हाथ में हाथ लिए...
जिंदगी के कोरे कागज़ पे...
खुशियों के बादल उकेरे...
जिसमें से दिल्लगी और....
एक दूजे को छेड़ने की धुप झांकी...
और फिर जिनमें से हंसी बरसी...
प्यार की उसमें मदहोशी घुली थी...
तुमने चाहत की चुटकी ली...
और मेरी जिंदगी में मिला दी..
तुम्हारे साथ बीते सुनहरे पल ...
तेरी खुशबू से ख़ास लम्हे बन गए ...
और लम्हे डोर में बंधते चले गए...
दिन झट से गुज़र मेरे आस पास से...
और मुझे पता भी न चला...
की ये साल एक लम्हा सा था...
...भावार्थ
( जिंदगी "शोना" के लिए )
2 comments:
अति सुन्दर रचना
wish you both a very happy wedding anniversary!!
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