Monday, August 23, 2010

राखी !!!

यु तो कही अक्स तेरे देखे हैं ज़माने ने...
बहन बनके जो किरदार निभाया है क्या खूब है...
...
वो बचपन के खेलों के निशाँ...
तेर तोहफों में मिले खिलौने...
लड़ने झगड़ने में घुला प्यार...
दोस्ती की हद का वो गुबार...
....
आज हर भाई अपनी कलाई पे बांधे फिरता है...
राखी की गाँठ बहुत गहरी है...
सालों का सफ़र बंधा है इसमें...

...भावार्थ

1 comment:

संगीता पुरी said...

बहुत गहरी गांठ है इसकी सचमुच .. रक्षाबंधन की बधाई और शुभकामनाएं !!