Saturday, July 31, 2010

मेरी जिंदगी है नगमा

मेरी जिंदगी है नगमा ...
मेरी जिंदगी तराना...
में सदा-ए-जिंदगी हूँ...
मुझे ढूढ़ ले जमाना...

मेरी जिंदगी है नगमा ...
मेरी जिंदगी तराना...

में किसी को क्या बताऊँ...
मुझे याद कुछ नहीं है...
रह रह गयी बिछुड़ के...
मेरी साख-ए-आशियाना...

मेरी जिंदगी है नगमा ...
मेरी जिंदगी तराना...

मेरे दिल की धड़कने हैं...
तेरे बचपन की यादें...
ये कहीं कहीं से अब तक...
मुझे याद है फ़साना...

मेरी जिंदगी है नगमा ...
मेरी जिंदगी तराना...

मेरी सोज में तबस्सुम...
मेरी आह में तरन्नुम ...
मेरा काम चलते रहना ...
युही दर्द-ए-दिल छुपाना...

शेवेन रिज़वी...

2 comments:

संजय भास्‍कर said...

सुंदर शब्दों के साथ.... बहुत सुंदर अभिव्यक्ति....

संजय भास्‍कर said...

पंक्तियों ने दिल छू लिया... बहुत सुंदर ....रचना....