दुनिया थकेली है साली !!!
गले में टाई लपेटे मजदूर खड़े हैं ...
खायिशों में ख़ुद की मजबूर बड़े हैं...
शेरो के मुँह में नकली दांत जड़े हैं...
दुनिया थकेली है साली !!!
नौकरी में है खड़े सर को झुकाए ...
कहीं हरे नोटों की गड्डी कट न जाए...
यस के सिवाय मुँह से कुछ निकल न जाए...
दुनिया थकेली साली है
दोस्तों में हैं जो बेवजह मुस्कुराते...
तनहा रिश्तो को वो हर रोज निभाते...
है ख़ुद करते जो उसी पे एतराज जताते....
दुनिया थकेली है साली !!!
कर्ज से अपना स्टेटस बनती हैं ये ...
लाइन में खड़े-२ जिंदगी बिताती है ये ...
सदियों में कहीं जा के मुस्कुराती है ये ...
दुनिया थकेली है साली !!!
...भावार्थ
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