एहसासों के कारवां कुछ अल्फाजो पे सिमेटने चला हूँ। हर दर्द, हर खुशी, हर खाब को कुछ हर्फ़ में बदलने चला हूँ। न जाने कौन सी हसरत है इस मुन्तजिर भावार्थ को।अनकहे अनगिनत अरमानो को अपनी कलम से लिखने चला हूँ.....
Saturday, October 24, 2009
दूधिया खाब !!!
ख्यालों के उड़नखटोले पे बैठकर...
तुम जब करीब आती हो...
पंख बन जाते हैं मेरे खाब...
तुझको लिए ये दूधिया खाब
फ़िर तैरते रहते हैं...
रात के समंदर में...
चांदनी के हिलोरों पे...
तुझको महसूस करते...
आगोश का गिलाफ भरते...
दूशिया खाब पंख से उड़ते रहते हैं...
...भावार्थ
Wednesday, October 14, 2009
दिए का सफर !!!
गीली मिटटी जब घुलने वाली हो...
उसे गीले हाथो से साधो...
चाक को तेजी से घुमाओ ...
और नन्हे नन्हे दिए को जीवन दे दो...
यही दिए जो मत-मैली मिटटी से बने हैं...
अभी आग में घंटो पकेंगे...
मिटटी फ़िर आग का रंग ओढ़ लेगी...
गीली सीरत उसकी पत्थर सा मोड़ लेगी...
ये तो बस खांचा है कंकाल है...
कितने ही दिए ऐसे बनकर ढेर में गुम हैं...
मगर कुछ दिए जिनके सीने में घी उडेल कर...
उनमें जब रुई की बाती पिरोई जाती है...
पूजा की आंच जब उसे दी जाती है...
तब वो दिया उजाला बिखेरने लगता है...
राम के घर लौटने की खुशी में झूमने लगता है...
मिटटी से उजाले की कहानी युही कही जाती है...
जगमगाते दियो की माला ही दीपावली कही जाती है...
...भावार्थ
(आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं !!!)
उसे गीले हाथो से साधो...
चाक को तेजी से घुमाओ ...
और नन्हे नन्हे दिए को जीवन दे दो...
यही दिए जो मत-मैली मिटटी से बने हैं...
अभी आग में घंटो पकेंगे...
मिटटी फ़िर आग का रंग ओढ़ लेगी...
गीली सीरत उसकी पत्थर सा मोड़ लेगी...
ये तो बस खांचा है कंकाल है...
कितने ही दिए ऐसे बनकर ढेर में गुम हैं...
मगर कुछ दिए जिनके सीने में घी उडेल कर...
उनमें जब रुई की बाती पिरोई जाती है...
पूजा की आंच जब उसे दी जाती है...
तब वो दिया उजाला बिखेरने लगता है...
राम के घर लौटने की खुशी में झूमने लगता है...
मिटटी से उजाले की कहानी युही कही जाती है...
जगमगाते दियो की माला ही दीपावली कही जाती है...
...भावार्थ
(आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं !!!)
Saturday, October 10, 2009
दुनिया थकेली है साली !!!
दुनिया थकेली है साली !!!
गले में टाई लपेटे मजदूर खड़े हैं ...
खायिशों में ख़ुद की मजबूर बड़े हैं...
शेरो के मुँह में नकली दांत जड़े हैं...
दुनिया थकेली है साली !!!
नौकरी में है खड़े सर को झुकाए ...
कहीं हरे नोटों की गड्डी कट न जाए...
यस के सिवाय मुँह से कुछ निकल न जाए...
दुनिया थकेली साली है
दोस्तों में हैं जो बेवजह मुस्कुराते...
तनहा रिश्तो को वो हर रोज निभाते...
है ख़ुद करते जो उसी पे एतराज जताते....
दुनिया थकेली है साली !!!
कर्ज से अपना स्टेटस बनती हैं ये ...
लाइन में खड़े-२ जिंदगी बिताती है ये ...
सदियों में कहीं जा के मुस्कुराती है ये ...
दुनिया थकेली है साली !!!
...भावार्थ
गले में टाई लपेटे मजदूर खड़े हैं ...
खायिशों में ख़ुद की मजबूर बड़े हैं...
शेरो के मुँह में नकली दांत जड़े हैं...
दुनिया थकेली है साली !!!
नौकरी में है खड़े सर को झुकाए ...
कहीं हरे नोटों की गड्डी कट न जाए...
यस के सिवाय मुँह से कुछ निकल न जाए...
दुनिया थकेली साली है
दोस्तों में हैं जो बेवजह मुस्कुराते...
तनहा रिश्तो को वो हर रोज निभाते...
है ख़ुद करते जो उसी पे एतराज जताते....
दुनिया थकेली है साली !!!
कर्ज से अपना स्टेटस बनती हैं ये ...
लाइन में खड़े-२ जिंदगी बिताती है ये ...
सदियों में कहीं जा के मुस्कुराती है ये ...
दुनिया थकेली है साली !!!
...भावार्थ
Monday, October 5, 2009
तुम एक याद हो !!!
तुम एक याद हो !!!
और यादें कभी भूली नहीं जातीं...
उन लम्हों का एहसास हो तुम...
जो मोहब्बत की फिजा लाये थे...
उन हसीं ख्यालो का निशाँ हो तुम...
जो दिल-ओ-जेहेन पे कभी छाए थे...
तुम एक याद हो !!!
और यादें कभी भूली नहीं जाती !!!
दिल के कौने में गुम हो तो क्या...
तन्हाई में तुम ही तुम रहती हो...
वक्त क्या उम्र देता हमारे इश्क को ...
याद बनकर अब सदा साथ रहती हो...
तुम एक याद हो !!!
और यादें कभी भूली नहीं जातीं...
खामोश आखें जब युही नम हो जाएँ ...
वो तेरी याद आने का सबब होता है...
किसी बहाने से मुस्कुराने लगता हूँ...
ख़बर लोगो को नहीं होती ये जब होता है..
तुम एक याद हो !!!
और याद कभी भूली नहीं जातीं ...
तुझे भुलाने की कोशिश में...
कई बार जेहेन को जलाया है मैंने.....
फ़िर आंसू से बुझाया है उसे...
और तेरी यादो को फ़िर जलाया है मैंने...
तुम एक याद हो !!!
और याद कभी भूली नहीं जातीं !!!
...भावार्थ
और यादें कभी भूली नहीं जातीं...
उन लम्हों का एहसास हो तुम...
जो मोहब्बत की फिजा लाये थे...
उन हसीं ख्यालो का निशाँ हो तुम...
जो दिल-ओ-जेहेन पे कभी छाए थे...
तुम एक याद हो !!!
और यादें कभी भूली नहीं जाती !!!
दिल के कौने में गुम हो तो क्या...
तन्हाई में तुम ही तुम रहती हो...
वक्त क्या उम्र देता हमारे इश्क को ...
याद बनकर अब सदा साथ रहती हो...
तुम एक याद हो !!!
और यादें कभी भूली नहीं जातीं...
खामोश आखें जब युही नम हो जाएँ ...
वो तेरी याद आने का सबब होता है...
किसी बहाने से मुस्कुराने लगता हूँ...
ख़बर लोगो को नहीं होती ये जब होता है..
तुम एक याद हो !!!
और याद कभी भूली नहीं जातीं ...
तुझे भुलाने की कोशिश में...
कई बार जेहेन को जलाया है मैंने.....
फ़िर आंसू से बुझाया है उसे...
और तेरी यादो को फ़िर जलाया है मैंने...
तुम एक याद हो !!!
और याद कभी भूली नहीं जातीं !!!
...भावार्थ
Saturday, October 3, 2009
मैं शायर बन गया !!!
जेहेन में अल्फाजो को तोलते-2
तन्हाई में ख़ुद से युही बोलते -2...
स्याही से दुनिया के राज खोलते-2...
मैं शायर बन गया !!!
उसकी सूरत को सांचे में ढालते-2...
उसके खाबो को आंखों में पालते-2...
उसकी यादो को सीने में संभालते-2...
मैं शायर बन गया !!!
खुदकुशी में जिंदगी की आस लिए...
कुछ बिखरे सपने अपने ख़ास लिए...
टूटे रिश्ते के निशाँ कुछ पास लिए...
मैं शायर बन गया !!!
लहू में मज़हब के रंग को छांटते-२...
मुर्दों के जंगल मैं जिंदगी तलाशते-2...
पत्थर मैं खुदा की शक्ल तराशते-2 ...
मैं शायर बन गया !!!
मशीन मैं जिंदगी झोंकते -२...
बहरो की दुनिया मैं भोंकते-2...
अजनबी दोस्तों से चोंकते-२
मैं शायर बन गया !!!
...भावार्थ
तन्हाई में ख़ुद से युही बोलते -2...
स्याही से दुनिया के राज खोलते-2...
मैं शायर बन गया !!!
उसकी सूरत को सांचे में ढालते-2...
उसके खाबो को आंखों में पालते-2...
उसकी यादो को सीने में संभालते-2...
मैं शायर बन गया !!!
खुदकुशी में जिंदगी की आस लिए...
कुछ बिखरे सपने अपने ख़ास लिए...
टूटे रिश्ते के निशाँ कुछ पास लिए...
मैं शायर बन गया !!!
लहू में मज़हब के रंग को छांटते-२...
मुर्दों के जंगल मैं जिंदगी तलाशते-2...
पत्थर मैं खुदा की शक्ल तराशते-2 ...
मैं शायर बन गया !!!
मशीन मैं जिंदगी झोंकते -२...
बहरो की दुनिया मैं भोंकते-2...
अजनबी दोस्तों से चोंकते-२
मैं शायर बन गया !!!
...भावार्थ
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