बुरा जो खोजन मैं चला बुरा न मिलया कोय
जो दिल खोजा आपना मुझसा बुरा न कोय
चाह गयी चिंता मिटी मनुआ बेपरवाह
जिनको कछु न चाहिए सो शाहन के शाह
ज्ञानी ध्यानी और सयंमी दाता सूर अनेक
जपिया तपिया बहुत हैं शीलवंत कोई एक
सुख का सागर शील है कोई न पावे थाह
शब्द बिना साधू नहीं द्रव्य बिना नहीं शाह
शीलवन्त निर्मल दशा पाँव पड़े चहुँ खूंट
कहे कबीर ता दास की आस करे बैकुंठ
संत कबीर
जो दिल खोजा आपना मुझसा बुरा न कोय
चाह गयी चिंता मिटी मनुआ बेपरवाह
जिनको कछु न चाहिए सो शाहन के शाह
ज्ञानी ध्यानी और सयंमी दाता सूर अनेक
जपिया तपिया बहुत हैं शीलवंत कोई एक
सुख का सागर शील है कोई न पावे थाह
शब्द बिना साधू नहीं द्रव्य बिना नहीं शाह
शीलवन्त निर्मल दशा पाँव पड़े चहुँ खूंट
कहे कबीर ता दास की आस करे बैकुंठ
संत कबीर
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