इश्क़ की दास्ताँ है प्यारे
अपनी अपनी जुबान है प्यारे
हम जमाने से इंतकाम लेंगे
इक हंसी दमियां है पप्यारे
तू नहीं मैं हूँ मैं नहीं तू है
अब कुछ ऐसा गुमान है प्यारे
रख कदम फूंक फूंक कर नादाँ
जर्रे जर्रे में जान है प्यारे
जिगर मुरादाबादी
अपनी अपनी जुबान है प्यारे
हम जमाने से इंतकाम लेंगे
इक हंसी दमियां है पप्यारे
तू नहीं मैं हूँ मैं नहीं तू है
अब कुछ ऐसा गुमान है प्यारे
रख कदम फूंक फूंक कर नादाँ
जर्रे जर्रे में जान है प्यारे
जिगर मुरादाबादी
No comments:
Post a Comment