बहरा हुकुमरान अब नहीं सुनेगा
धतूरे से धुत आवाम नहीं जगेगा
भूख हड़ताल पे कोई क्यों बैठा है
दल-दल में डूबा वतन नहीं बचेगा
दर्द अब मौत के पार जा पहुंचा है
गूंगा देश न जाने मेरा कब चीखेगा
संतरी बोल पड़ा , मंतरी बोल पड़ा
मैडम का बच्चा बोलना कब सीखेगा
भावार्थ
धतूरे से धुत आवाम नहीं जगेगा
भूख हड़ताल पे कोई क्यों बैठा है
दल-दल में डूबा वतन नहीं बचेगा
दर्द अब मौत के पार जा पहुंचा है
गूंगा देश न जाने मेरा कब चीखेगा
संतरी बोल पड़ा , मंतरी बोल पड़ा
मैडम का बच्चा बोलना कब सीखेगा
भावार्थ
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