काश जो खुदा ने ये दिल आंख सा बनाया होता...
मेरे आस पास तू मेरे गम को तलाशता रहा...
काश घर के कौनो में भी तू कभी आया होता...
मैं भूलती चली गयी ख़ुद को तेरे आगोश में ...
काश तुझसे बिछुड़ने का ख़याल भी आया होता...
बीतता हुआ हर पल आज का कल नहीं लौटेगा ...
काश हर एक लम्हे को तुने जिंदगी बनाया होता...
आज मेरा दर्द भी उसको नज़र आया होता...
काश जो खुदा ने ये दिल आंख सा बनाया होता...
...भावर्थ
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