Thursday, December 17, 2009

तेरी मुस्कराहट !!!

तेरे लबो पे सजी...
होठो मैं दबी...
आखों से चली...
तेरी ये मुस्कराहट....
मेरे तनहा ख्यालो पे...
खोयी सी निगाहों पे...
दिल के गिरहो पे...
बस गयी....
तेरी ये मुस्कराहट...
तुम्हारी शरारत लिए...
बेपनाह चाहत लिए...
मासूमियत मैं लिपटी...
तेरी ये मुस्कराहट...
मेरे दिल मैं बसा गम ले गयी...
कसक थोड़ी कम कर गयी...
ख़ुशी से आखें नम कर गयी...
तेरी ये मुस्कराहट...

भावार्थ...

3 comments:

Randhir Singh Suman said...

मेरे तनहा ख्यालो पे...
खोयी सी निगाहों पे...nice

Neeraj Kumar said...
This comment has been removed by the author.
Anonymous said...

khayal to sabke jehan me aate hai..
sapne to har koi dekhta hai...
per jo ehsaso ko shabdo me baandh sake aur sabdo se man ke "BHAVO" ko samjha sake... wahi hai aap "BHAVARTH"