एहसासों के कारवां कुछ अल्फाजो पे सिमेटने चला हूँ। हर दर्द, हर खुशी, हर खाब को कुछ हर्फ़ में बदलने चला हूँ। न जाने कौन सी हसरत है इस मुन्तजिर भावार्थ को।अनकहे अनगिनत अरमानो को अपनी कलम से लिखने चला हूँ.....
Sunday, October 22, 2017
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
ध्यान दीप जलता रहे
और गुरु का रहे सनेह
रौशन हो परम आत्मा
तो सिद्ध हो जाए ये देह
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