Monday, January 3, 2011

जुदाई के रंग...

फिरोजी सा तेरा प्यार...
व्यास के किनारे पे तनहा बैठे..
उन छोटे पत्थरो में देखा है मैंने...

केसरी सा तेरा प्यार..
तुमसे जुदा हो कर ..
धीमी आंच सा पिघलते देखा है मैंने...

सुनहरा सा तेरा प्यार...
तुम्हारे इंतज़ार में...
आँखों से बहते आंसू में देखा है मैंने...

मूंगरे सा तेरा प्यार...
तुमसे मिलने की आरज़ू में..
दिल के कौनो से निकलते देखा है मैंने...

काश जुदाई के रंगों की तरह..
तुमसे मिलने के रंग भी होते मेरी जिंदगी में...

भावार्थ...

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