शिवालय है खाली मदिरालय भरे हैं
इस कलिजुग में कैसे इंसान भरे हैं
नशे में नचनियों पे जो हैं पैसे उड़ाते
बेबस भिखारी से वो हैं नज़रें बचाते
माया के जंजाल में ये आ पड़े हैं
इस कलिजुग में कैसे इंसान भरे हैं
माँ बाप के जो न बन सके आस हैं
अजनबी दोस्तों के वो बने ख़ास हैं
रिश्तो को बस बोझ माने पड़े हैं
इस कलिजुग में कैसे इंसान भरे हैं
कथनी से करनी तक यहाँ सब झूठ है
आंसू से लहू तक की यहाँ सब लूट है
मत खोल लब यहाँ सब गद्दार भरे हैं
इस कलिजुग में कैसे इंसान भरे हैं
शिवालय है खाली मदिरालय भरे हैं
इस कलिजुग में कैसे इंसान भरे हैं
इस कलिजुग में कैसे इंसान भरे हैं
नशे में नचनियों पे जो हैं पैसे उड़ाते
बेबस भिखारी से वो हैं नज़रें बचाते
माया के जंजाल में ये आ पड़े हैं
इस कलिजुग में कैसे इंसान भरे हैं
माँ बाप के जो न बन सके आस हैं
अजनबी दोस्तों के वो बने ख़ास हैं
रिश्तो को बस बोझ माने पड़े हैं
इस कलिजुग में कैसे इंसान भरे हैं
कथनी से करनी तक यहाँ सब झूठ है
आंसू से लहू तक की यहाँ सब लूट है
मत खोल लब यहाँ सब गद्दार भरे हैं
इस कलिजुग में कैसे इंसान भरे हैं
शिवालय है खाली मदिरालय भरे हैं
इस कलिजुग में कैसे इंसान भरे हैं
भावार्थ