एहसासों के कारवां कुछ अल्फाजो पे सिमेटने चला हूँ। हर दर्द, हर खुशी, हर खाब को कुछ हर्फ़ में बदलने चला हूँ। न जाने कौन सी हसरत है इस मुन्तजिर भावार्थ को।अनकहे अनगिनत अरमानो को अपनी कलम से लिखने चला हूँ.....
Saturday, July 19, 2014
Tuesday, July 15, 2014
हस्ती "गाज़ा" की
हर रोज सुबह मौत जागती है यहाँ …
हर रात हज़ारों जिंदगी सो जाती है
इस कदर दर्द में डूबी है हस्ती "गाज़ा" की
जीने से पहले है यहाँ मौत हो जाती है
भावार्थ
हर रात हज़ारों जिंदगी सो जाती है
इस कदर दर्द में डूबी है हस्ती "गाज़ा" की
जीने से पहले है यहाँ मौत हो जाती है
भावार्थ
Saturday, July 12, 2014
चलो आज आसमान की गहराई देखें
चलो आज आसमान की गहराई देखें
किसी फ़कीर की हद-ए-शहंशायी देखें
चलो आज आसमान की गहराई देखें
मिटटी इस जहाँ में है रूह से रोशन
रूह जिससे रोशन वो नूर-ए-इलाही देखें
चलो आज आसमान की गहराई देखें
जो वक़्त को कमजोर समझते हैं वो
इतिहास के सीने पे वक़्त की तबाही देखें
चलो आज आसमान की गहराई देखें
तड़प बरक़रार है सब कुछ पाने के बाद
क्यूँ न अब माँ का आँचल करिश्माई देखें
चलो आज आसमान की गहराई देखें
हर तरफ है जहर मज़हब के साँपों का
बचने को अब कौन सी नज़र मसीहाई देखें
चलो आज आसमान की गहराई देखें
किसी फ़कीर की हद-ए-शहंशायी देखें
~ भावार्थ ~
गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनयें !!!
किसी फ़कीर की हद-ए-शहंशायी देखें
चलो आज आसमान की गहराई देखें
मिटटी इस जहाँ में है रूह से रोशन
रूह जिससे रोशन वो नूर-ए-इलाही देखें
चलो आज आसमान की गहराई देखें
जो वक़्त को कमजोर समझते हैं वो
इतिहास के सीने पे वक़्त की तबाही देखें
चलो आज आसमान की गहराई देखें
तड़प बरक़रार है सब कुछ पाने के बाद
क्यूँ न अब माँ का आँचल करिश्माई देखें
चलो आज आसमान की गहराई देखें
हर तरफ है जहर मज़हब के साँपों का
बचने को अब कौन सी नज़र मसीहाई देखें
चलो आज आसमान की गहराई देखें
किसी फ़कीर की हद-ए-शहंशायी देखें
~ भावार्थ ~
गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनयें !!!
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