Saturday, February 24, 2018

धीरे धीरे रे मना धीरे से सब कछु होये

धीरे धीरे रे मना धीरे से सब कछु होये
माली सींचे सौ घड़ा ऋतू आये फल होये

रुखा सूखा खाय के ठंडा पानी पी
देख परायी चुपड़ी मत ललचावे जी

करे बुराई और सुख चाहे कैसे पावे कोय
बोके पेड़ बबूल का आम कहाँ से होये

सुखिया ढूढ़त मैं फिरूं सुखिया मिले न कोय
जाके आगे दुःख कहूँ पहिले सोचे फिर रोये

कबीर



Wednesday, February 14, 2018

आदिगुरु उन शिव को नमन














सर्वश्व त्याग जो है ध्यान मगन 
आदिगुरु उन शिव को नमन 

विष पीकर भी जो रहे अमर 
प्रकृति परोक्ष  शिव को नमन 

त्रिकाल का विस्तार है जिनसे
महाकाल उन शिव को नमन 

गुरु शिष्य विधा के स्वः प्रणेता 
योगगुरु प्रथम शिव को नमन 

तप से प्रसन्न जो सिद्धि प्रदाता 
भक्तिवासल्य शिव को नमन 

स्वर्णब्रह्माण्ड का जिनसे सृजन 
हिरण्यरेता उन शिव को नमन 

सर्वश्व त्याग जो है ध्यान मगन 
आदिगुरु उन शिव को नमन 


भावार्थ 
१४/०२/२०१८ 
महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं