Wednesday, September 7, 2016

बेपनाह मोहब्बत किये जा रहे हैं

बेपनाह मोहब्बत किये जा रहे हैं
हम तेरी जुस्तजू में जिए जा रहे हैं

तल्खियां जिगर की आँखों में है भरीं 
मुस्करा कर इन्हें हम छुपाये जा रहे हैं

बेपनाह मोहब्बत किये जा रहे हैं

हमको मालूम है हमसफ़र है बेवफा
साथ फिर भी हम निभाए जा रहे हैं

बेपनाह मोहब्बत किये जा रहे हैं

चराग ये बुझा गयी वक़्त की आँधियाँ
न जाने कहाँ है अब किधर जा रहे हैं

बेपनाह मोहब्बत किये जा रहे हैं

लौट आयगा वो जो हो मेरा नसीब
बस यही सोच कर हम जिए जा रहे हैं

बेपनाह मोहब्बत किये जा रहे हैं
हम तेरी जुस्तजू में जिए जा रहे हैं

भावर्थ
७/९/२०१६ 













2 comments:

Unknown said...

Touching
Good one

Ratna

Unknown said...

Touching
Good one

Ratna