Thursday, December 31, 2015

खुद से वाकिफ

माफ़ करना इस दुनिया का अभी इल्म नहीं है मुझे
अभी सिलसिला शुरू हुआ  है खुद से वाकिफ होने का.... 

देर तक सोने से बेहतर है देर तक जागना
हर एक खाब जो देखा मुझको याद रह गया


भावार्थ
०१/०१/२०१६

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