Saturday, September 19, 2015

तू जो नहीं है मेरे साथ

ग़म हैं दिन दर्द है ये रात
तू जो  नहीं  है मेरे  साथ

आँखों में काजल लगाऊं नहीं
डर  हैं  कहीं ये   बह ना जाए
किस कदर हूँ में  अधूरी अब
बह कर कहीं ये  कह न जाए

रुलाये तेरी अब हर बात
तू  जो  नहीं है मेरे  साथ

ग़म  हैं दिन दर्द है ये रात
तू जो  नहीं  है  मेरे  साथ

हर एक चीज़ है मेरे लिए
दिल ये मगर लगता नहीं
हवा है वही फ़िज़ा है वही
कुछ भी अच्छा लगता नहीं

तन्हाई में डूबे हैं जज्बात
तू  जो  नहीं  है  मेरे साथ

ग़म  हैं दिन दर्द है ये रात
तू जो  नहीं  है  मेरे  साथ

हर वक़्त है बस तेरा ही ख्याल
लगता है तू मेरे पास आ जाएगा
मुझको ले अपनी बाहों में  तू
मेरे दर्द को फिर मिटा जाएगा

दिल ये तलाशे तेरा ही साथ
तू  जो  नहीं है मेरे साथ

ग़म  हैं दिन दर्द है ये रात
तू जो  नहीं  है  मेरे  साथ

भावार्थ
२०/०९/२०१५













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