Saturday, August 15, 2015

साँसों की कैद में है जिंदगी

उम्र  की  कैद  में है  जिंदगी
साँसों की  कैद  में है  जिंदगी

जिनसे है खुशियों की चाहतें
उनसे है मिलती हमें  आहते
अपनों की  कैद में है जिंदगी
साँसों  की  कैद में है  जिंदगी

खाब के कांटो में हम फंस रहे
दरिया- ए- उम्मीद में धंस रहे
सपनो  की  कैद  में है  जिंदगी
साँसों  की  कैद में  है  जिंदगी

कौन हूँ मैं कौन है मेरा खुदा
कौन है हो गया जिससे जुदा
निराकार की कैद में है जिंदगी
साँसों की  कैद में  है जिंदगी

उम्र  की  कैद  में है  जिंदगी
साँसों की  कैद  में है  जिंदगी

भावार्थ 
१५/०८/२०१६ 
" Freedom from chains of Human Psychology"
Happy Independence day !!!


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