Thursday, August 23, 2012

दूर रहकर न करो बात करीब आ जाओ...

दूर रहकर न करो बात करीब आ जाओ...
याद रह जायेगी ये बात करीब आ जाओ...

एक मुद्दत से तमन्ना थी तुम्हें चूने की ...
आज बस में नहीं जज्बात करीब आ जाओ...

दूर रहकर न करो बात करीब आ जाओ...

सर्द झोंक्जो से धड़कते हैं बदन में शोले..
जान ले लेगी ये बरसात करीब आ जाओ...

दूर रहकर न करो बात करीब आ जाओ...

इस कदर हमसे झिझकने की जरूरत क्या है..
जिंदगी भर का है अब साथ करीब आ जाओ...

दूर रहकर न करो बात करीब आ जाओ...

साहिर लुधियानवी...


 

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