Sunday, February 26, 2012

कुछ और बात करो...

छोड़ो भी ये दुनियादारी अब कुछ और बात करो...
बहुत बढ़ गयी जानकारी अब कुछ और बात करो...

जितने  भीतर उतने बाहर खेल हैं खिलाडियों के
क्रिकेट में फिर हार गए क्या ? कुछ और बात करो...

गाडी का क्या है बस चलती है चलती ही जाए...
पडोसी  ने ले ली नयी फरारी तो कुछ और बात करो...

भ्रस्टाचार का दर्जा कितना नीचा अपनी नज़र में...
हवलदार जी  रखो सौ की पत्ती कुछ और बात करो...

बदल जाए ये दुनिया पल में राम राज फिर आ जाये....
नौबत आये खुद को बदलने की तो कुछ और बात करो...


छोड़ो भी ये दुनियादारी अब कुछ और बात करो...

बहुत बढ़ गयी जानकारी अब कुछ और बात करो...

भावार्थ...

No comments: