Sunday, January 1, 2012

मिजाज़

मिजाज़ इस साल का कुछ ठीक नहीं लगता...
फूंस ऐसे बरस रहा है जैसे  सावन हो...
अलावों  में कोयले विभीषण निकले...
कोहरे में छिपा  जैसे बारिश का रावन हो...

भावार्थ...

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