Friday, January 13, 2012

बारिश ले उडी उसकी सादगी से फुहार...

बारिश ले उडी उसकी सादगी से फुहार...
ओढ़े फिरती है उसकी अदाएं ये बहार...
काँच है कैसी उसकी आँखों जैसी ...
आँच है कैसी उसकी साँसों जैसी...
चांदनी ने माँगा रंग मेरी जाँ से उधार...
बारिश ले उडी उसकी सादगी से फुहार...


अंगार की तपिश उसके नैन-ओ- नक्स से
श्रृंगार की दमक उसके पैने से अक्स से...
मदहोशी-ए-शाम उसके इरादों से...
जन्नत-ए-जिन्द उसके वादों से...
तारों ने मांगी चमक मेरे यार से उधार...
बारिश ले उडी उसकी सादगी से फुहार...


बारिश ले उडी उसकी सादगी से फुहार...
ओढ़े फिरती है उसकी अदाएं ये बहार...

भावार्थ... 

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