Wednesday, December 21, 2011

मौला !!!

उस अंजुमन की तलाश है जहाँ निखत तेरी हो...
लता तेरी हो फूल तेरे हो  सल्तनत तेरी हो...

हर एक जर्रा हो तुझसा जहाँ ...
हर एक बाब हो तेरा गुलिश्तां...
हवा तेरी हो जमीं तेरी हो मल्कियत तेरी हो...
उस अंजुमन की तलाश है जहाँ निखत तेरी हो...

भँवरे बजाते हों शंख जहाँ...
कोयले सजाती हो महफ़िल वहां....
ओस तेरी हो धुंध तेरी हो रवायत तेरी हो...
उस अंजुमन की तलाश है जहाँ निखत तेरी हो...

हर जुबान पे बस नाम तेरा हो...
आगाज़ तेरा हो अंजाम तेरा हो...
सीरत तेरी हो, सूरत तेरी हो शख्शियत तेरी हो...
उस अंजुमन की तलाश है जहाँ निखत तेरी हो...

भावार्थ...

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