Monday, December 19, 2011

तुम रहने ही दो !!!

तुम रहने ही दो !!!

क्या हुआ जो तुमने एक वादा किया...
मेरे साथ मोहब्बत का इरादा किया...
सह न पाओगी दर्द-ओ-गम...
चल न पाओगी दो कदम...
तुम रहने ही दो...

तन्हाईयाँ हैं इसमें हज़ार...
करना पड़ेगा खुद को निसार...
निभा न पाओगी एक कसम...
चल न पाओगी दो कदम...

तुम रहने ही दो...

टूट कर रेत सा बिखरना पड़ेगा...
ज़माने के तल्ख़ को सहना पड़ेगा...
भर न पाओगी चाक-ओ-जख्म...
चल न पाओगी दो कदम...
तुम रहने ही दो...


बन न पाओगी तुम हमदम...

तुम रहने ही दो !!!

भावार्थ...

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