Thursday, December 8, 2011

तुम मुझे भूल भी जाओ तो हक है तुमको...

तुम मुझे  भूल भी जाओ तो हक है तुमको...
मेरी बात कुछ और है मैंने तो मोहब्बत की है...

मेरे दिल की मेरे जज्बात की कीमत क्या है..
इंज उलझे उलझे ख्यालात की कीमत क्या है...
मैंने क्यों प्यार किया तुमने क्यों प्यार किया..
इन परेशान सवालात की कीमत क्या है...

तुम मुझे इतना भी न बताओ तो ये हक है तुमको...
मेरी बात कुछ और है मैंने तो मोहब्बत की है...


तुम मुझे भूल भी जाओ तो हक है तुमको...

मेरी बात कुछ और है मैंने तो मोहब्बत की है...
जिंदगी सिर्फ मोहब्बत नहीं कुछ और भी है...
जुल्फ-ओ-रुखसार की जन्नत नहीं कुछ और भी है...
भूख और प्यास की मरी इस दुनिया में..
इश्क ही इक हकीकत नहीं कुछ और भी है..

तुंम आँख चुराओ तो ये हक है तुमको...
मैंने तुमसे ही नहीं सबसे मोहब्बत की है...

तुमको दुनिया के दर्द-ओ- गम से फुर्सत न सही...
सबसे उल्फत सही मुझसे ही मोहब्बत न सही ...
में तुम्हारी हूँ यही मेरे लिए  क्या कम है..
तुम मेरे हो मकर  रहो ये मेरी किसमत ना सही..
और दिल को जलाओ ये हक है तुमको..
मेरी बात कुछ और है मैंने तो मोहब्बत की है...

तुम मुझे भूल भी जाओ तो हक है तुमको...

मेरी बात कुछ और है मैंने तो मोहब्बत की है...

साहिर लुधियानवी !!!

No comments: