Sunday, October 2, 2011

इन्साफ जालिमों की हिमायत में जायेगा...
ये हाल  है तो कौन अदालत में जाएगा...

दस्तार नोंच नाच के एहबाब ले उड़े...
सर बच गया है ये भी शराफत में जायेगा...

दोजख के इंतजाम में उलझा है रात दिन..
दावा ये कर रहा है की जन्नत में जाएगा...

खुशफहमियों की भीड़ में तू  भूल क्यों गया..
पहले मरेगा फिर कहीं जन्नत में जाएगा...

वाकिफ है खूब झूठ के फन से ये आदमी...
ये शख्श एक रोज जरूर शियासत में जायेगा...

राहत इन्दौरी  !!!









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