Wednesday, June 1, 2011

हर दफा..!!!

तुझसे मिलकर..
तुझसे बिछुड़ कर...
मैं रहा बेसब्र..
हर दफा...हर दफा...

मय का हर घूँट...
नशे का हर कश...
मुझमें हुआ कैद  ...
हर दफा...हर दफा...

तुझे भुलाने को ...
याद मिटाने को...
आंसू का सैलाब ...
हर दफा...हर दफा...

शाम ढलने तलक...
सहर ओढ़े फलक..
मैं मौत से  उलझा...
हर दफा...हर दफा...

..भावार्थ 

1 comment:

Jolly said...

after a long time !!good one!!