Saturday, May 28, 2011

तन्हाई की गिरिफ्त में !!!



मैं हूँ इक ऐसी नाव में सवार...
जिसमें लहरें है मेरी पतवार...
खानाबदोश साहिल से में जब निकली ...
सिर्फ खाब के तिनके थे मेरे पास..
वो खाब जो डूबते सूरज के तले...
जेहेन में उकेरे थे मैंने...
किसी सा बन जाने के...
किसी ख़ास को पाने के...
दूर तलक कहीं जाने के...
वो मुट्ठी भर खाब ले आये साहिल तक...
और में उसी खुमार में...
जा बैठी उस टूटी सी अधमरी नाव में...
ये सोच कर कि खाब सच होंगे...
मगर जब होश पर लहरों ने दस्तक दी..
तो लगा...
में हूँ एक ऐसी नाव में सवार..
जिसमें सिर्फ लहरें हैं पतवार..
और ऐसे रास्ते कभी मंजिल तक नहीं जाते...
रह जाते हैं तन्हाई की गिरिफ्त में...

भावार्थ...  

Friday, May 27, 2011

तुझसे है आशिकी मेरी.. !!!

तुझसे है आशिकी मेरी..
है तुझसे मेरा ये प्यार...
तुझसे है जिंदगी मेरी ..
है तुझसे मेरा करार...

जो तू गया छोड़ के...
मेरी हस्ती रही नहीं ...
तेरे वास्ते हैं  साँसे ...
तेरे बिन चले  नहीं...

एक तेरा आसरा है मुझे...
एक तेरा  इंतज़ार ...
तुझसे है जिंदगी मेरी...
है तुझसे मेरा करार...

तू ही हया है मेरी ...
तू ही मेरी रजा..
तू ही तोहफा है मेरा ...
तू ही मेरी जजा...

एक तेरा शौक है मुझे...
एक तेरा ही खुमार...
तुझसे है जिंदगी मेरी...
है तुझसे मेरा करार...

मेरा सर जब झुके...
तेरे सजदे के लिए...
मेरे कदम जब चले...
तेरे रस्ते के लिए...

तू ही खुदा है मेरा...
तू ही मेरा संसार ...
तुझसे ही जिंदगी मेरी...
है तुझसे मेरा करार...

तुझसे है आशिकी मेरी..
है तुझसे मेरा ये प्यार...
तुझसे है जिंदगी मेरी ..
है तुझसे मेरा करार...

...भावार्थ  










Wednesday, May 18, 2011

धुंधली राह !!!

धुंधली राह और डगमगाते कदम...
न जाने कितनी दूर तक मेरी जिंदगी जायेगी...

बेहोशी हमको कहाँ ले कर चली ...
न जाने होश की सुबह ये कब आएगी..

हथेली पे ये जो सजाया है महल...
न जाने कब ये आँख मेरी खुल जायेगी...

तुम हो भी और फिर हो भी नहीं...
न जाने तुम्हारी याद कब तक आएगी..

आंसूं नहीं हैं अब बह रह है  लहू...
न जाने कब तक  तेरी तस्वीर रुलाएगी...

कभी वफ़ा के लिए तो कभी बेवफाई के लिए... 
कब तक तुझसे मेरी शख्शियत युही जोड़ी जायेगी.....

कब तक तुझसे मेरी शख्शियत युही जोड़ी जायेगी.....
न जाने कितनी दूर तक मेरी जिंदगी जायेगी...  

भावार्थ...