Friday, January 21, 2011

वो !!

कुछ खाब से दिखा गया वो...
आस के किनारे बिठा गया वो...

उम्र बीत गयी इंतज़ार में...
यु फासले का पर्दा गिरा गया वो...

रात भर दिन तैरता है आँखों में...
ऐसे साहिल पे बिठा गया वो...

भावार्थ



Monday, January 3, 2011

जुदाई के रंग...

फिरोजी सा तेरा प्यार...
व्यास के किनारे पे तनहा बैठे..
उन छोटे पत्थरो में देखा है मैंने...

केसरी सा तेरा प्यार..
तुमसे जुदा हो कर ..
धीमी आंच सा पिघलते देखा है मैंने...

सुनहरा सा तेरा प्यार...
तुम्हारे इंतज़ार में...
आँखों से बहते आंसू में देखा है मैंने...

मूंगरे सा तेरा प्यार...
तुमसे मिलने की आरज़ू में..
दिल के कौनो से निकलते देखा है मैंने...

काश जुदाई के रंगों की तरह..
तुमसे मिलने के रंग भी होते मेरी जिंदगी में...

भावार्थ...

Sunday, January 2, 2011

नए साल का तोहफा धूप !!!

जब बर्फ हवा में घुली हो तो लगता है...
जैसे नाक तक आ कर सांस रुकी हो...

जब बर्फ बरसती बूंदों में घुली हो तो लगता है...
हर चीज़ पर जैसे रुई सी बिछी हो...

जब बर्फ धुंध में घुली हो यो लगता है...
जैसे आप के आस पास कोई पर्दा गिरा हो...

मैंने बर्फ को...
हिमालय के सीने से सटे..
चीर के पेड़ों के ऊपर लादे...
दूर तक  रास्तों पर बिछे...
पिछले तीन दिनों से देखा है...

मगर आज सुबह जब आँख खुली...
तो धूप की किरण से सजी ...
हवा  आस पास लहराती ...
बूंदे फिर पेड़ से टपकती  ..
धुंध फिर शीशे सी चमकती ...
एक बार फिर नज़र आई ..

चाय की प्याली लिए...
मैंने हमसफ़र को जगाया तो लगा ..
मनाली की बर्फ में  धूप की किरन...
नए साल का तोहफा हो ...

भावार्थ  ...