Monday, December 27, 2010

मूह की बात !!!

मूह की बात  सुने हर कोई...
दिल का दर्द न जाने कौन...
आवाजों के बाजारों में ....
ख़ामोशी पहचाने कौन..

सदियों सदियों वही तमाशा...
रास्त रास्ता लम्बी
लेकिन जब हम मिल जाते हैं...
खो जाता है जाने कौन...


आवाजों के बाजारों में ....
ख़ामोशी पहचाने कौन..
मूह की बात  सुने हर कोई...


वो मेरा आईना है या ...
में उसकी परछाई हूँ...
मेरे ही घर में रहता है...
मुझ जैसा ही जाने कौन...


आवाजों के बाजारों में ....
ख़ामोशी पहचाने कौन..
मूह की बात  सुने हर कोई...


किरण किरण अलसाता सूरज...
पलक पलक खुलती नींदें...
धीमे धीमे बिखर रहा है ...
जर्रा जर्रा जाने कौन...


आवाजों के बाजारों में ....
ख़ामोशी पहचाने कौन..
मूह की बात  सुने हर कोई...

निदा फजली !!!

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