Sunday, December 26, 2010

दश्तूर !!!

तेरे मुस्कुराने और नैन मिलाने का दश्तूर...
मुझे बिन कहे इस तरह पास बुलाने का दश्तूर..

वो छोटी सी रात मैं लम्बी लम्बी सी बातें...
गोद में रख के सर मेरा  तारे गिनाने का दश्तूर...

तेरी आँख की नमी और  तेरी तन्हाई लिए...
कागज़ पे हर्फ़ लिख लिख कर मिटाने का दश्तूर...

गुफ्तगू-ए-मोहब्बत जो लम्हों में कैद है...
घंटो तक मेरे सुनने और तुम्हारे सुनाने का दश्तूर...

कुछ भी कहना तुम्हारा बातों बातों में...
ख़ुद का रूठना और फिर मेरे मनाने का दश्तूर...


तेरे मुस्कुराने और नैन मिलाने का दश्तूर...
मुझे बिन कहे इस तरह पास बुलाने का दश्तूर..


...भावार्थ

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