Tuesday, May 5, 2009

लौट आया !!!

मोहब्बत की हद न मिली मुझे मोहब्बत में...
आख़िर ख़ुद को मय के प्याले में डुबो दिया ...

बारहां उसकी आँखें देखी, जलवे देखे हमने...
आख़िर कलम को सोच को स्याही में डुबो दिया..

फीकापन था उसकी अदाओ में शोखियों में...
हमने तन्हाई को दोस्तों की सादगी में डुबो दिया...

भावार्थ...

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