Tuesday, April 14, 2009

नफरत !!!

पान की पीक की तरह ...
लोग गुस्से को क्यों थूक नहीं देते...
पाल लेते हैं उसको सीने में ...
महबूबा की तरह...
फ़िर उनको उसकी लत लग जाती है...
और उनकी नफरत जब कभी...
सहन नहीं होती उगल पड़ती है...
कभी हिंदू पे तो कभी मुसलमा पे...



भावार्थ ...

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