Thursday, March 26, 2009

तुम यहीं हो मेरे पास !!!

तुम यहीं हो मेरे पास हो...
साँसों की तपिश तरह ...
महकी हवा की तरह ...
चहकती सुबह की तरह...
सजती शाम की तरह...
ख्याल के साए में महफूज़ ...
तुम यहीं हो मेरे पास हो...

मेरे हर्फ़ जो हैं ये ....
दूरियों के गम से बुने हैं मैंने...
मोहब्बत की कशिश से चुने हैं मैंने ...

एहसासों
का शामियाना जो ...
जो मेरी तेरी बातों से बना है...
आज भी तन्हाई की धुप से ...
कसक की हिलोरे से...
बचाता है मुझे हर पल हर लम्हे...

लम्हे भर को मुझे फ़िर लगा ....
तुम यहीं हो मेरे पास !!!
मेरे ख्यालो के साए में महफूज़...

भावार्थ...

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