Friday, January 9, 2009

न हो उदास अगर वोह तुझे नहीं मिलता...

न हो उदास अगर वोह तुझे नहीं मिलता...
यहाँ किसी से कोई उम्र भर नहीं मिलता...

हवा-ऐ-शहर बता तुझको तो ख़बर होगी...
बहुत दिनों से मुझे अपना घर नहीं मिलता...

हर एक मोड़ पे मिलते हैं सेकडो चेहरे...
में ढूढता हूँ जिसे मगर वोह नहीं मिलता...

लिखा हुआ है भटकना मेरे नसीबो में...
वो राह-रोह हूँ जिसे राहबर नहीं मिलता...

तारिक सब्ज़वारी !!!

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