Friday, September 12, 2008

दिल चीज़ है क्या जाना !!!

दिल चीज़ है क्या जाना ये जाँ भी तुम्हारी है।
तेरी बाहों मैं दम निकले हसरत ये हमारी है।

रोती हूँ तड़पती हूँ कटती ही नहीं जालिम।
एक रात जुदाई की ये सौ रात से भारी है।

फूलो की कदर पूछो उस दर्द के माली से।
जिस शख्स ने कांटो पे एक उम्र गुजारी है।

गुम इश्क-मोहब्बत के चलो पूछ ले सादिक से।
इक बाज़ी मोहब्बत की उस शख्स ने हारी है।

दिल चीज़ है क्या जाना ये जाँ भी तुम्हारी है।
तेरी बाहों मैं दम निकले हसरत ये हमारी है।

पाकिस्तानी शायर...

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